
भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ कहे जाने वाले विराट कोहली पर भी अब टीम इंडिया से बहार होने का खतरा मंडराने लगा है। विराट इस समय अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे है। विराट कोहली के बल्ले से पिछली सेंचुरी सन 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच से आयी थी 2019 से लेके अभी तक उनका बल्ला खामोश है। भारत और इंग्लैंड की मौजूदा सीरीज में भी उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया, 5वे टेस्ट मैच में भी उनका बुरा हाल रहा और वो पहली इनिंग में महज 11 और दूसरी में 20 रन बना कर आउट हो गए थे। वहीँ 3 मैचों की टी-20 सीरीज में विराट दूसरे और तीसरे टी-20 में खेले और तमाम कोशिश के बावजूद उनका बल्ला खामोश है। इस बीच उनके सामने एक और चुनौती आ खड़ी हुई है। अगर उन्हें टी-20 टीम में बने रहना है तो अब 160+ के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करनी होगी। इस बीच उनके सामने एक और चुनौती आ खड़ी हुई है। अगर उन्हें टी-20 टीम में बने रहना है तो अब 160+ के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करनी होगी।
आज यानी 12 जुलाई को भारत और इंग्लैंड के बीच 3 मैचों की वन डे इंटरनेशनल (ODI) सीरीज की शुरुवात होनी है। अब देखना ये होगा की रन मशीन कहोली का बल्ला अब वन डे इंटरनेशनल में बोलगे या नहीं, वहीं टीम इंडिया ने टी-20 क्रिकेट के लिए आक्रामक रणनीति बनाई है। जिसमें बड़ी पारी खेलने की जगह आक्रामक पारी खेलने पर ज्यादा जोर है। अब कम स्ट्राइक से बनाए गए ज्यादा रन की अहमियत नहीं है। बल्कि अब 180 के स्ट्राइक रेट से बनाए गए 35 रन ज्यादा कीमती हैं।
विराट कोहली आमतौर पर 130 से 140 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हैं। कभी कभी उन्होंने 180 या 200 का स्ट्राइक रेट मेंटेन किया। अभी जिस तरह की खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं यह काम उनके लिए काफी मुश्किल हो सकता है। इस साल इंटरनेशनल मैचों में उनका स्ट्राइक रेट 120 से भी कम रहा है। जबकि ओवऑल उनका करियर स्ट्राइक रेट 137.54 का है।
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कप्तान रोहित शर्मा ने साफ कर दिया है की स्ट्राइक रेट की रणनीति टीम आगे भी जारी रखेगी। सभी बल्लेबाजो को इसी रणनीति के अनुसार बैटिंग करनी होगी जिससे आने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम इसी रणनीति और कॉम्बिनेशन के साथ उतरेगी, भारतीय मैनेजमेंट चाहता है कि 12 से 15 मैच ऐसे ही हो और 5-6 मैच हर खिलाडी को ट्रायल की तरह दिये जाए। जो फेल रहेगा वह बाहर होगा। ऐसे में सबसे ज्यादा खतरे में विराट कोहली ही हैं।